Monday, 16 January 2012

Possible Vs Impossible..

is it possible that we get a new life in any way.. how we can prove it .. if we talk about law of physic.. nothing can be destroyed or created.. only changement can be take place.. it proves that we get new life.. but how we can say that we get human only..?
क्या ये संभव हे की हमें नया जीवन मिलेगा.. ? हम इसे कैसे सिद्ध कर सकते हैं ..? अगर हम physics के सिधांत की बात करे तो उसके अनुसार कुछ भी पैदा या ख़तम नही होता.. बस बदलता है.. इससे ये सिद्ध होता है की हमें नया जीवन मिलेगा.. पर हम ये कैसे कह सकते है की हम इंसान ही बनेगे..?
में  उपरोक्त पंक्तियों से उन लोगों की मन की शंका दूर कर दू जो इस दुविधा में रहते है की उनको नया जीवन मिलेगा या नही.. मरने के बाद क्या होगा..? और ये बाद सिद्ध है कोई अन्धविश्वास नही है.. पर एक हकीकत से पर्दा हटाना चाहता हु.. इंसान एक ऐसी मशीन है जो खुद सोच सकती है .. और अपने फैसले खुद ले सकता है .. मैं इसे मशीने इसलिए मानता हु क्योंकि मशीन का एक पुर्जा ख़राब हो जाये तो उसकी जगह दूसरा पुर्जा लगाया जा सकता है.. ठीक उसी तरह जैसे आज के विज्ञानं ने ये सिद्ध कर दिया है की अगर इन्सान की किडनी ख़राब हो जाये तो दूसरी किडनी लगायी जा सकती है.. पर यहाँ अभी कुछ बुद्धि जीव ये भी कह सकते है की किडनी बनाएगा कौन..? बॉस जब विज्ञानं यहाँ तक पहुच गया है तो वहा तक भी पहुच जायेगा..
अब जब ये सिद्ध हो गया है की इंसान एक मशीन है तो ये भी सत्य है की मशीन का कुछ भी अपना नही होता..
चलो एक बात लेके कुछ निष्कर्ष निकालें .. एक दिन एक मशीन ख़राब हो गयी.. उसे तोड़ने क लिए भेजा जाता है.. अपने अंतिम समय में मशीन कहती है.."क्या मेरा नया जनम होगा.."
कोई मशीन अगर ये सवाल करे तो बड़ा अजीब सा लगेगा.. अरे मशीन का अपना है क्या.. उसके पार्ट्स कल को किसी और में लग जायेंगे.. ठीक ये सवाल तो उसके अंदर लगे कलपुर्जे भी कर सकते है..
अरे जिसे आप अपना समझते है वो आपका है कहा.. तो आप किस हक से कह सकते है की मुझे नया जीवन मिलेगा.. जब आपके द्वारा इस्तेमाल की हुई प्लास्टिक की पन्नी Recycle होती है तो आप ये कैसे कह सकते है की ये वो पन्नी है जिसे आप ने इस्तेमाल किया था.. पर आप उसके अस्तित्व के होने से इनकार नही कर सकते.. ठीक यही क्रिया हे पुनर्जन्म की.. किसी वहम को मन में न पाले की कोई चमत्कार है

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